Breadcrumb

Advanced Accounts Volume I (Financial Accounting)

Advanced Accounts Volume I (Financial Accounting)

(0 Reviews)
  • ISBN : 9789352836079
  • Pages : 1200
  • Binding : Paperback
  • Language : Hindi
  • Imprint : S Chand Publishing
  • © year : 2019
  • Size : 6.75 X 9.5

Price : 850.00 680.00

अत्यन्त सरल एवं सुबोध भाषा में लिखी गयी इस पुस्तक में वित्तीय लेखांकन के विविध पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी है एवं वित्तीय लेखांकन के आधारभूत सिद्धान्तों तथा स्वरूपों की विस्तृत विवेचना की गयी है।
एकाउन्टैंसी के विद्यार्थियों के अतिरिक्त, यह पुस्तक विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेज़ जैसे सीए, सीएस तथा सीएमए आदि के विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी है। साथ ही आईएएस, पीसीएस तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी इससे लाभान्वित होंगे।

• वित्तीय लेखांकन का विस्तृत एवं प्रामाणिक विवेचन दिया गया है।
• कॉर्पोरेट अधिनियम एवं लेखांकन प्रमापों में हुए संशोधनों के अनुरूप विषय-वस्तु में आवश्यक संशोधन किया गया हैं।
• लीज़ फाइनेंस के प्रकरण को संशोधित किया गया है।
• किराया-क्रय अधिनियम के प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है।
• विनियोग खातों में राइट के विक्रय में संशोधन किया गया है।
• विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का समावेश किया गया है।
• 450 से अधिक उदाहरण, 122 व्याख्यात्मक एवं 340 क्रियात्मक प्रश्न दिये गये हैं।

1. लेखांकन के नियम (जर्नल, लेजर, सहायक पुस्तकें तथा तलपट), 2. बिल सम्बन्धी व्यवहार, 3. बैंक सम्बन्धी लेन-देन तथा बैंक समाधान विवरण, 4. अशुद्धियों का संशोधन, 5. लेखाकंन की अवधारणाएं व प्रथाएं, 6. पूँजीगत व आयगत व्यय, 7. अन्तिम खाते, 8. माध्य भुगतान तिथि तथा चालू खाता विवरण, 9. प्रेषण खाते, 10. संयुक्त उपक्रम खाते, 11. इकहरी या एकांगी प्रविष्टि प्रणाली, 12. गैर-व्यावसायिक संस्थाओं के खाते (प्राप्ति व भुगतान तथा आय-व्यय के खाते), 13. जहाजी यात्र खाते, 14. पैकिंग सामान सम्बन्धी खाते, 15. संचय, कोष तथा आयोजन, 16. ह्रास-लेखांकन, 17. साझेदारी खाते (I) (लाभ समायोजन एवं साझेदार का प्रवेश), 18. साझेदारी खाते (II) (साझेदार का अवकाश ग्रहण व मृत्यु), 19. साझेदारी खाते (III) (साझेदारी का समापन, कम्पनी को विक्रय व एकीकरण), 20. स्वकीय सन्तुलन एवं वर्गीय सन्तुलन प्रणालियाँ, 21. अधिकार शुल्क खाते, 22. विभागीय खाते, 23. शाखा खाते, 24. किराया-क्रय, किस्त-भुगतान व लीज पद्धतियाँ, 25. दिवालिया सम्बन्धी लेखे, 26. विनियोग खाते, 27. बीमा दावे, 28. अनुमोदन अथवा  "विक्रय या वापसी" आधार पर बेचे गये माल का लेखांकन

Be the first one to review

Submit Your Review

Your email address will not be published.

Your rating for this book :

Sign Up for Newsletter