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Shiksha ke Darshnik evam Samajshastriya Pariprekshya

Shiksha ke Darshnik evam Samajshastriya Pariprekshya

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  • ISBN : 9789325986756
  • Pages : 208
  • Binding : Paperback
  • Language : Hindi
  • Imprint : Vikas Publishing
  • © year : 2015
  • Size : 6.75 X 9.5

Price : 199.00 159.20

शिक्षा एक सतत और विकासशील प्रक्रिया है लेकिन यह विकास उचित दिशा में हो इसके लिए दर्शन दिशा निर्देश करता है। दर्शन केवल चिन्तन का ही विषय नहीं अपितु अनुभूति का विषय है। शिक्षा समाज सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इसका स्वरूप दर्शन से तथा रूप समाजशास्त्र से सँवरता है। इन्हीं सभी तथ्यों पर विचार विमर्श इस पुस्तक में किया गया है। यह पुस्तक बी.ए., एम.ए. (शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.एड. कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।

1. शिक्षा-दर्शन, 2. शिक्षा-दर्शन का कार्य, 3. आदर्शवाद, 4. प्रकृतिवाद, 5. प्रयोजनवाद, 6. यथार्थवाद, 7. शिक्षा का वैज्ञानिक आधार, 8. शिक्षा का मनोवैज्ञानिक आधार, 9. शिक्षा का समाजशास्त्रीय आधार, 10. व्यक्ति, समाज और विद्यालय, 11. जनतंत्रीय शिक्षा, 12. समाजीकरण और शिक्षा, 13. शिक्षा एवं भावात्मक एकता, 14. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय एकता के विकास में शिक्षा, 15. पाठ्यक्रम का स्वरूप, 16. आदर्श अध्यापक के गुण, 17. मानवीयकरण के लिए शिक्षा, 18. चरित्र निर्माण के लिए शिक्षा, 19. समानता के लिए शिक्षा, 20. मानव मूल्य शिक्षा, 21- भविष्य के लिए शिक्षा • संदर्भ ग्रंथ-सूची

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